
संस्कृत अनुवाद कैसे करें – संस्कृत अनुवाद की सरलतम विधि – sanskrit anuvad ke niyam part – 4
sanskrit anuvad ke niyam part – 4
आइये, आज इस भाग में कुछ अन्य अव्यय शब्द और धातुएँ स्मरण करते है
अव्यय शब्द –
१२ – रोज = प्रतिदिनम्,
१३ – भी = अपि,
१४ – बहुत = अति, अतीव
१५ – बस = अलम्,
१६ – व्यर्थ ही = व्यर्थमेव,
१७ – ही = एव
१८ – शीघ्र = सद्यः,
१९ – हमेशा = सदैव,
२० – और = च,
२१ – अपना = स्व
२२ – अथवा = वा
धातुएँ – ११ – होना = भू, १२ जाना = गम्, (गच्छ), १३ – देना = दा, १४ – करना = कृ, १५ – पकाना = पच्, १६ – ठहरना = स्था (तिष्ठ), १७ – होना = अस् (भू), १८ – जीतना = जि, १९ पीना = पा (पिब्), २० – झुकना = नम्, २१ – चाहना = इष् (इच्छ)
‘ पठ्’ धातु के आधार पर ही इन धातुओं के रूप भी लिखकर याद करें और देखें क्या आपने रूप ठीक बनाएँ हैं –
१० भ्रमति भ्रमतः भ्रमन्ति
भ्रमसि भ्रमथ: भ्रमथ
भ्रमामि भ्रमाव: भ्रमामः
१२ – गच्छति गच्छतः गच्छन्ति
गच्छसि गच्छथः गच्छथ
गच्छामि गच्छावः गच्छामः
१४ – करोति कुरुतः कुर्वन्ति
करोषि कुरुथ: कुरुथः
करोमि कुर्व: कुर्मः
१६ – तिष्ठति तिष्ठतः तिष्ठन्ति
तिष्ठसि तिष्टथ: तिष्ठथ
तिष्ठामि तिष्ठावः तिष्ठामः
११ – भवति भवतः भवन्ति
भवसि भवथः भवथ
भवामि भवावः भवामः
१३ -ददाति दत्त : ददति
ददासि दत्थः दत्थ
ददामि दद्वः दद्मः
१५ – पचति पचतः पचन्ति
पचसि पचथ: पचथ
पचामि पचाव: पचाम:
१७ – अस्ति स्तः सन्ति
असि स्थ: स्थ
अस्मि स्वः स्मः
१८ – जयति जयतः जयन्ति
जयसि जयथ: जयथ
जयामि जयावः जयामः
२० – नमति नमतः नमन्ति
नमसि नमथः नमथ
नमामि नमावः नमामः
१९ – पिबति पिबत: पिबन्ति
पिबसि पिबथ: पिबथ
पिबामि पिबावः पिबाम:
२१ – इच्छति इच्छतः इच्छन्ति
इच्छसि इच्छथः इच्छथ
इच्छामि इच्छावः इच्छामः
ध्यान दें – उपर्युक्त धातु रूपों में हमने कुछ धातुओं पर स्टार चिह्नों का प्रयोग किया है। इसका अभिप्राय है कि ये धातु रूप भिन्न रूप से चलते हैं। अतः इन्हें ये याद कर लें।
कुछ धातुओं के मूल रूप को आदेश हो जाता है। उसी आदेश के ही रूप चलते हैं। उनका भी विशेष ध्यान रखें जैसे स्था को तिष्ठ् आदेश, पा, को पिब् अस्, को भू, इष् को इच्छ् आदि आदि ।
आइये अब हम उपर्युक्त अव्यय शब्दों और क्रियाओं का प्रयोग करते हुए अनुवाद बनाते हैं
अभ्यास १ – १ – वह यहाँ क्या करता है?
२ – तुम दोनों सदैव हो,
३ – तुम प्रतिदिन यहाँ क्या करते हो,
४ – मैं यहाँ व्यर्थ ही नहीं खेलता हूँ,
५ – बहुत बोलते क्या आप भी यहाँ प्रतिदिन घूमते हैं?
६ – आप क्यों हँस रही हैं?
७ – मैं नहीं बोल रही हूँ,
८ – आप आज क्या वहाँ नहीं जा रहे हैं?
९ – वह क्या पका रहा है ?
१० – तुम सब क्या चाहते हो ?
११ – वे वहाँ क्यों जीतते हैं?
१२ – यह क्या है ?
परीक्षण करें, क्या आपका अनुवाद ठीक है
१ – सः तत्र किं करोति ?
२ – युवाम् सदैव अति वदथः,
३ – त्वं प्रतिदिनं अत्र किं करोषि ?
४ – अहं अत्र व्यर्थमेव न क्रीडामि,
५ – किम् भवान् अपि अत्र प्रतिदिनं भ्रमति ( अटति) ?
६ – भवती कथं हसति ?
७ – अहं न वदामि
८ – भवान् अद्य किम् तत्र न गच्छति?
९ – सः किं पचति ?
१० – यूयम् किं इच्छथ ?
११ – ते तत्र कथं जयन्ति ?
१२ – इदं किं अस्ति ?
‘पुस्तक शब्द के रूप (अकारान्त, नपुंसकलिङ्ग) (क् + अ अकार है अन्त में जिसके)
प्रथमा पुस्तकम् पुस्तके पुस्तकानि
द्वितीया पुस्तकम् पुस्तके पुस्तकानि
शेष अकारान्त पुल्लिंग (राम) के अनुसार चलेंगे
इसी प्रकार अन्य अकारान्त नपुंसकलिंङ्ग शब्दों के भी रूप चलेंगे। जैसे— पत्ता (पत्रम्), फल, मित्र, दन, कुसुम, मुख, अरण्य (वन), कमल, पुष्प, पर्ण, शस्त्र, अस्त्र शास्त्र, बल, मूल (जड़), धन, सुख, दुःख, पाप, पुण्य, रक्त, चन्दन, सुवर्ण, नेत्र, उद्यान, वस्त्र, भोजन, कार्य, चित्र आदि।
इस भाग का सभी छात्र अच्छे से अभ्यास कर लें |
साथ साथ पिचले भागो को भी दोहराते रहे |
संस्कृत अनुवाद की सरलतम विधि भाग -1
संस्कृत अनुवाद की सरलतम विधि भाग -2
संस्कृत अनुवाद की सरलतम विधि भाग -3
संस्कृत अनुवाद की सरलतम विधि भाग -4
गुरु के रूप – GURU KE ROOP
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | गुरु | गुरू | गुरव: |
द्वितीय | गुरुम् | गुरू | गुरून् |
तृतीया | गुरुणा | गुरुभ्याम् | गुरुभि: |
चतुर्थी | गुरवे | गुरुभ्याम् | गुरुभ्याम् |
पंचामी | गुरो: | गुरुभ्याम् | गुरुभ्याम् |
षष्ठी | गुरो: | गुर्वो: | गुरूणाम् |
सप्तमी | गुरौ | गुर्वो: | गुरुषु |
संबोधन | हे गुरो | हे गुरू | हे गुरव: |
गुरु के रूप guru ke roop
गुरु शब्द के रूप (उकारान्त पुल्लिंग)
(गुर+ उ उकार है अन्त में – जिसके
इन शब्द रूपों में एक बात का विशेष ध्यान रखें कि यहाँ कुछ स्थलों पर दीर्घ ‘ऊ’ प्रयुक्त हुआ है जिसे इस चिह्न द्वारा (रू) प्रदर्शित किया जाता है। इस प्रकार प्रयोग न करने पर (रु) वह ह्रस्व उ होगा।
इसी प्रकार अन्य उकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूपों का भी अभ्यास करें, बोलकर तथा लिखकर । जैसे— शिशु भानु, वायु, मृदु (कोमल), तरु (वृक्ष). पशु, मृत्यु, साधु, बाहु, इन्दु, रिपु, विष्णु, सिन्धु, शम्भु, ऋतु, बन्धु, जन्तु, वेणु आदि ।
WWW.UPBOARDINFO.IN
Republic day poem in Hindi || गणतंत्र दिवस पर कविता 2023
यूपी बोर्ड 10वीं टाइम टेबल 2023 (UP Board 10th Time Table 2023) – यूपी हाई स्कूल 2023 डेट शीट देखें
Up pre board exam 2022: जानिए कब से हो सकते हैं यूपी प्री बोर्ड एग्जाम
Amazon से शॉपिंग करें और ढेर सारी बचत करें CLICK HERE
सरकारी कर्मचारी अपनी सेलरी स्लिप Online डाउनलोड करें
Hindi to sanskrit translation | हिन्दी से संस्कृत अनुवाद 500 उदाहरण
संस्कृत अनुवाद कैसे करें – संस्कृत अनुवाद की सरलतम विधि – sanskrit anuvad ke niyam-1