Up board solution for class 12 sanskrit chandrapeed katha part 1
महाकविश्रीबाणभट्टविरचितम् चन्द्रापीडकथा
(उत्तरार्द्ध भाग : शब्दार्थ, हिन्दी अनुवाद, व्याकरणात्मक टिप्पणी एवं प्रश्नोत्तर)
शब्दार्थ- समुत्थाय = उठकर । स्नेहनिर्भरम् = स्नेहभाव से पूर्ण होकर । कण्ठे = गले से । जग्राह = लगा लिया। दृढतरदत्तकण्ठग्रहा = दृढ़ता के साथ गले लगाती हुई । अवादीत् = कहा। तस्यायम् = यह उसका ।। आत्मजः = पुत्र । दिग्विजयप्रसङ्गेन = दिग्विजय के प्रसंग से अनुगतः = आया है। भूमिमिमाम् = इस स्थान पर एषः = यह निष्कारण बन्धुत बिना किसी कारण के ही भ्रातृत्व भाव को । गतः = पहुँच गये हैं। कथिता = कही गयी है। बहुप्रकारम् बहुत प्रकार से तत् = अतः। अपूर्वदर्शनः = पहले न देखा हुआ विमुच्य छोड़कर अविज्ञातशीलः = अनजानशील स्वभाववाला । इत्यपहाय = छोड़कर यथा मयि जैसा मुझमें तथा अत्रापि वैसा ही इसमें वर्तितव्यम् = व्यवहार करना चाहिए। इत्यावेदिते ऐसा निवेदन करने पर अकरोत् = किया।
सा तु समुत्थाय महाश्वेतां स्नेहनिर्भरं कण्ठे जग्राह । महाश्वेतापि दृढतरदत्तकण्ठाग्रहा, ताम् अवादीत् -“सखि कादम्बर! भारते वर्षे राजा तारापीडो नाम। तस्यायम् आत्मजः चन्द्रापीडो नाम दिग्विजयप्रसङ्गेन अनुगतो भूमिमिमाम् । एष च दर्शनात् प्रभृति मे निष्कारणबन्धुतां गतः । कथिता चास्य बहुप्रकारं प्रियसखी । तत् अपूर्वदर्शनोऽयम् इति विमुच्य लज्जाम्, अविज्ञातशीलः इत्यपहाय शंकाम्, यथा मयि तथा अत्रापि वर्तितव्यम्” इत्यावेदिते तया चन्द्रापीडः प्रणामम् अकरोत् ।
हिन्दी अनुवाद- कादम्बरी ने उठकर अत्यन्त प्रेम के साथ महाश्वेता को गले लगा लिया। महाश्वेता ने भी उसे कसकर गरने से लगाते हुए कहा- सखी कादम्बरी, भारतवर्ष में तारापीड नाम के राजा है। यह उन्हीं के पुत्र चन्द्रापीड दिग्विजय के प्रसंग में यहाँ आये हुए हैं। मैंने इन्हें जब से देखा तभी से ये मेरे अकारण भाई बन गये हैं। इनसे मैंने तुम्हारे विषय में बहुत कुछ कह दिया। अतः प्रथम दर्शन के कारण होने वाली लज्जा तथा अज्ञात शील स्वभाव के कारण होने वाली शड्का को छोड़कर तुम इनके प्रति भी वही व्यवहार करो जो मेरे प्रति करती हो। महाश्वेता के ऐसा कहने पर चन्द्रापीड ने कादम्बरी को प्रणाम किया।
व्याकरणात्मक टिप्पणी- दृढतरदत्तकण्ठग्रहा = (दृढतरः दत्तः कण्टहः यया सा ) तस्यायम् = (तस्य अयम्)
भूमिमिमाम् = (भूमिम् = इमाम्) अविज्ञातशीलः = (अविज्ञातः शीलः यस्य सः) इत्यपहाय (इति अपहाय ) ।
॥ प्रश्नोत्तरः ॥
प्रश्न 1. अस्य गद्यांशस्य प्रणेता कः ?
उत्तर- अस्य गद्यांशस्य प्रणेता बाणभट्टः अस्ति ।
प्रश्न 2 -का समुत्थाय महाश्वेतां स्नेहनिर्भरं कण्ठे जग्राह ?
उत्तर- कादम्बरी समुत्थाय महाश्वेतां स्नेहनिर्भरं कण्ठे जग्राह
प्रश्न 3. तारापीडस्य आत्मजः कः आसीत्?
उत्तर- तारापीडस्य आत्मजः चन्द्रापीडः आसीत्।
प्रश्न 4. ‘दिग्विजयप्रसङ्गेन अनुगतो भूमिमिमाम्।’ रेखांकित अंश का अनुवाद लिखिए।
उत्तर- चन्द्रापीड दिग्विजय के प्रसंग से यहाँ आये हुए हैं।
प्रश्न 5. चन्द्रापीडः कं प्रणामम् अकरोत् ?
उत्तर- चन्द्रापीडः कादम्बरी प्रणामम् अकरोत् ।
WWW.UPBOARDINFO.IN
UP BOARD TOPPERS LIST PDF DOWNLOAD
UP BOARD FINAL EXAM PAPER 2023 ALL SUBJECT वर्ष 2023के सभी विषयों के पेपर हल सहित
यूपी बोर्ड 10वीं टाइम टेबल 2023 (UP Board 10th Time Table 2023) – यूपी हाई स्कूल 2023 डेट शीट देखें
Amazon से शॉपिंग करें और ढेर सारी बचत करें CLICK HERE
Hindi to sanskrit translation | हिन्दी से संस्कृत अनुवाद 500 उदाहरण
संस्कृत अनुवाद कैसे करें – संस्कृत अनुवाद की सरलतम विधि – sanskrit anuvad ke niyam-1